प्रचंड गर्मी मे ज़्यादा पसीना क्यों आता है, लू से कैसे बचें | abjano.com

पसीना आना एक ऐसी कुदरती देन है जो शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने मे मदद करता है और साथ ही ये शरीर मे पनपने वाली कई बीमारियों से हमे बचाता है। पसीना सभी को आता है किसी को ज़्यादा तो किसी को कम, अगर आप अत्यधिक तनावपूर्ण या असुविधा वाली स्थिति मे हैं तो आपको ज़्यादा पसीना आता है, इसमे कोई शक नही की पसीना आने मे मौसम का पूरा असर पड़ता है। आखिर पसीना क्यों आता है और कैसे आता है, ये सवाल आपके मन मे ज़रूर आया होगा लेकिन इसका सटीक उत्तर आप नही समझ पाये होंगे।  


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पसीना आना तो आम बात है दिक्कत हमे तब होती है जब असमय ज़्यादा पसीना आने लगता है बहुत लोग अपने हथेली मे पसीना आने से परेशान होते हैं। इस लेख मे हम jyada pasina aane ka karan के बारे मे और पसीने से जुड़े अन्य तथ्यों के बारे मे विस्तार से चर्चा करेंगे।

 

पसीना क्यों आता है

पसीना क्यों आता है ये समझने के पहले अपने शरीर के बारे मे समझना होगा, हमारा शरीर एक मशीन की तरह काम करता है जिस तरह किसी मशीन को ज़्यादा देर तक चलाये रखने से मशीन गर्म होने लगती है इसे ठंडा रखने के लिए इसमे छोटे पंखे या किसी तरह की कूलिंग डिवाइस फिट की जाती है जैसे लैपटाप मे कूलिंग फैन, ठीक इसी तरह जब हम कोई अधिक परिश्रम वाला काम करते है तो शरीर गर्म हो जाता है और शरीर को ठंडा रखने के लिए स्किन से पसीना आने लगता है। पसीना बदन को ठंडा रखने मे मदद करता है।

पसीना हमारी त्वचा के छोटे–छोटे रोम छिद्रो से बूँदों के रूप मे बाहर निकलता है जिससे स्किन के माइक्रो होल खुल जाने से शरीर की गंदगी बाहर निकल जाती है जो शरीर के साथ-साथ स्किन भी हेल्दी रखता है। 

 

पसीना मे कौन-कौन से तत्व पाये जाते हैं

शरीर से पसीना के रूप मे मुख्य रूप से पानी ही निकलता है लेकिन इसमे पानी के साथ अमोनिया, यूरिया, नमक, प्रोटीन, चीनी तथा लैक्टिक एसिड आदि तत्व मौजूद होते हैं।

 

 

ज़्यादा पसीना क्यों आता है

गर्मी के मौसम मे पसीना आना एक नैचुरल प्रोसैस है नॉर्मल रूप से पसीना सभी को आता है किसी को कम तो किसी को ज़्यादा। लेकिन कुछ लोग ज़्यादा पसीना आने से परेशान हो जाते हैं, आखिर ऐसा क्यो होता है किसी को इतना ज़्यादा पसीना क्यों आता जिससे वो परेशान हो जाता है। जब हम किसी बीमारी से जूझ रहे होते है या कोई कठिन परिश्रम करते है तो हमे अधिक पसीना आने लगता है, लेकिन दिक्कत तब आती है जब असमय ज़्यादा पसीना आने लगता है।

 

Pasina kyon aata hai

 


ज़्यादा पसीना आने के कारण

·       ·  जब आप अत्यधिक तनाव की स्थिति मे होते हैं तो ज़्यादा पसीना आने लगता है।

·        ·  किसी Genetic बीमारी के चलते भी आप ज़्यादा पसीना आने से परेशान हो सकते हैं।

·       ·    कठिन शारीरिक श्रम करने से पसीना आने की मात्रा बढ़ जाती है।

·       ·  वर्कआउट करने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिसे maintain करने के लिए शारीर से ज़्यादा पसीना निकलने लगता है।

ये कुछ स्थितियां हैं जब अधिक पसीना आना आम बात होती है लेकिन अगर असमय बिना कठिन परिश्रम या वर्कआउट किए ज़्यादा पसीना आए तो यहाँ आपको डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करना चाहिए।

 

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हथेलियों पर पसीना आना

चिकित्सकों के अनुसार, अगर कोई ज़्यादा चिंता वाली स्थिति मे है तो उसे शरीर के अन्य अंगो पर पसीना आने के साथ-साथ हथेलियों पर भी पसीना आने लगता है। और जब आप किसी खतरे का सामना कर रहे होते हैं तो शरीर मे अचानक एड्रेनालाइन नमक हार्मोन बढ़ने से हथेलियों पर पसीना आने लगता है। कुछ लोग इसे हाथों का पसीजना भी कहते हैं।  

 

 

हथेलियों पर पसीना आने के कारण

·       · ज़्यादा गरम मौसम हथेलियों पर पसीना आने की वजह बन सकता है।

·       · खराब खान-पान भी आपके हथेली पर पसीना ला सकता है ज़्यादा मसालेदार खाना पसीने लाने वाले हार्मोन्स को टार्गेट करते है।  

·       · इसके अलावा धूम्रपान नशा आदि बुरी आदतों मे पड़े रहने से भी हथेलियों पर पसीना आने लगता है।  

·        · लंबे समय से किसी बीमारी जैसे थायराइड से पीड़ित होने पर हथेलियों पर पसीना लाने वाले हार्मोन्स प्रभावित हो जाते हैं। अगर आप adult हैं और ज़्यादा लंबे समय से इस समस्या से परेशान हैं तो तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें।

 

 

ज़्यादा पसीना आने से कैसे रोकें

देखिये पसीना आना एक नैचुरल process है लेकिन दिक्कत तब आती है जब पसीना ज़्यादा मात्रा मे आने लगता है कभी-कभी क्या होता है कि हम किसी मीटिंग मे है या किसी महफिल मे बैठे है और तभी अचानक गरम मौसम की वजह से ज़्यादा पसीना आने लगे तो हम शर्मिंदा हो जाते हैं अगर आप चाहते हैं कि आपको भी ज़्यादा पसीना आने से शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े तो यहाँ  पर कुछ टिप्स दिये जा रहे हैं जिन्हें फॉलो करके आप पसीने कि अधिक मात्रा से बच सकते हैं।   

·        · गर्मी के दिनो हल्के फ़ैब्रिक और light रंग के कपड़े पहने।

·        · जितना हो सके तीखा और मसालेदार खाना खाने से बचें।

·        · गर्मी के मौसम मे फल फ्रूइट्स का सेवन करें, अंगूर खाने से बॉडी का टेम्परेचर(Temperature) मैंटेन रहता है।

·        · कैफीन का सेवन बंद करें।

·        · शरीर को हाईड्रेटेड रखें और नियमित रूप से नहाएँ।  

 

 

लू क्या है

गर्म हवाओ के झोका को लू (Heat wave) कहते हैं, ये साधारण हवा ही होती है बस इसका तापमान ज़्यादा होता है। जब किसी जगह का तापमान नॉर्मल से बहुत ऊपर चला जाता है तब आम तौर पर चलने वाली हवा लू मे बादल जाती है। लू गर्मी के मौसम मे ही चलती है क्योंकि दिन मे तेज़ धूप के कारण तापमान 45-48 डिग्री तक पहुँच जाता है जो लू चलने का कारक बनती है।

बचपन मे आपकी दादी या माँ गर्मी मे धूप के समय आपको बाहर जाने से रोकती रही होंगी और जब आप नही मानते रहे होगे तो वे आपको इस तरह की डरावनी कहानिया ज़रूर सुनाया करती रही होंगी कि गर्मी मे दिन के समय धूप मे चुड़ैल घूमा करती है इसलिए अपने घर से बाहर लोग कम ही निकलते है और आप धूप के समय बाहर सन्नाटा पसरा देख ये किस्से कहानी को सच मान लेते थे।

दरअसल गर्मी मे लू रूपी चुड़ैल घूमा करती है, अब चूंकि लू लगने से इंसान अचानक से बीमार पड़ जाता है इसलिय किस्से कहानियों मे इसे चुड़ैल नाम दिया जाता था।  

 

लू क्यों लगती है

ज़्यादा देर तक धूप के संपर्क मे रहने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे लू लगने की संभावना बढ़ जाती है। पानी की कमी और ज़्यादा देर तक धूप मे रहना लू लगने का कारण बनती है। यहाँ मुख्य बिन्दु ये है की तुरंत लू लगने का पता नही चलता जब आदमी लू की चपेट मे पूरी तरह आ जाता है तब धीरे-धीरे लू लगने के लक्षण दिखने लगते हैं।  

 

 

लू से बचने के उपाए

·        · गर्मी के मौसम मे धूप मे निकालने से बचें अगर धूप मे निकलना हो तो कभी भी धूप मे खाली पेट न निकलें।

·        · धूप मे जाने से पहले पानी पीकर घर से निकलें और छत्री साथ ले लें।

·        · लू से बचने के लिए आप प्याज़ का सेवन ज़रूर करें, हो सके तो घर से निकलते समय प्याज़ की एक छोटी पोटी अपने जेब मे रख लें। लू लग जाने पर व्यक्ति के हथेलियों और पैरों के तलवों मे प्याज़ का रस लगा देने से लू का असर कम हो जाता है।

·        · AC से निकलकर तुरंत धूप मे जाने से बचें।  

·        · धूप से आकर तुरंत पानी कभी न पीयें, पियास बुझाने के लिए फ्रिज का ठंडा पानी पीने के बजाए मिट्टी के घड़े का पानी पीयें। 

·        · लू से बचने के लिए आम पन्ना, नारियल पानी, एलोवेरा जूस आदि पेय का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

डिसक्लैमर 

उम्मीद करता हूँ यहाँ साझा की गयी जानकारी आपको पसंद आई होगी। इस लेख मे सुझाए गए कोई भी टिप्स या नुस्खा इस्तेमाल करने से पहले अपने family डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें ये साइट किसी भी नुस्खे की पुष्टि नही करता है ये लेख सिर्फ जानकारी साझा करने के लिए लिखा गया है।    

 

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